मंगलवार, 31 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच भाग-८ का परिणाम





भारत प्रश्न मंच आप सभी लोगो का हार्दिक अभिनंदन करता है. भारत प्रश्न मंच भाग-८ का परिणाम आप लोगो के समक्ष हाजिर है.

पहले प्रश्न का उत्तर है-
महबोधी मंदिर, बोधगया, बिहार

दूसरे प्रश्न का उत्तर है-
फिल्म पीपली लाइव की अधिकाँश शूटिंग रायसेन जिले के बड़वाई गांव में हुई है.

बोनस अंक के प्रश्न का उत्तर है-
मैंगलोर स्टेशन


भारत प्रश्न मंच भाग ८ की विजेता हैं- सुश्री अदिती चौहान

आपको यह प्रमान पत्र सहर्ष प्रदान किया जाता है.


                                                           
सभी प्रश्नों का उत्तर दिया-

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सुश्री इंदू अरोड़ा

प्रश्नो का उत्तर इन्होने भी दिया-
[1.1.1.jpg]
श्री दर्शन लाल बवेजा

My Photo
सुश्री अंजना


सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाईयाँ. आपका दिन मंगलमय हो

शनिवार, 28 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच भाग-८





आप सभी लोगो को मेरा नमस्कार. आज एक नये समय पर भारत प्रश्न मंच पुनः आप सभी लोगो के लिये प्रश्नों की बौछार लेकर हाजिर है.

आज का पहल प्रश्न है-
दिखाये गये स्थान का क्या नाम है-                                                                                                              


आज का दूसरा प्रश्न है-
फिल्म ’पीपली लाइव’ की अधिकांश शुटिंग भारत के किस जिले मे हुई है.                                                        

आज का बोनस अंक के लिये सवाल है-
दिखाये गये रेलवे स्टेशन का क्या नाम है-                                                                                                          

शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच समय परिवर्तीत




आप सभी लोगो को मेरा नमस्कार,
    आप सभी लोगों को सुचित किया जाता है कि भारत प्रश्न मंच का समय परिवर्तित किया जा रहा है. अब प्रश्न मंच का आयोजन प्रति शनिवार को प्रातः १०:०० बजे किया जायेगा. परिणाम प्रति रविवार को रात्रि को ८:०० बजे प्रकाशित किया जायेगा. यह फैसला क्रिएटिव मंच के समय को ध्यान मे रखते हुए लिया गया है.
 आप सभी के सहयोग की अपेक्षा बनी रहेगी. और हाँ मेरी परिक्षाएँ दिनाँक ३ सितंबर से २३ अक्टूबर तक चलेंगी इस वजह से हो सकता है कि कभी प्रश्न मंच का आयोजन ना हो सके. 
   धन्यवाद

शनिवार, 14 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच

आप सभी लोगो को मेरा नमस्कार.
 आप सभी लोगो लोगो को सुचित किया जाता है कि भारत प्रश्न मंच १५ अगस्त को आयोजित नहीं किया जा सकेगा.

सोमवार, 9 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच भाग-७ परिणाम




आप सभी को मेरा नमस्कार मै आशीष मिश्रा आप लोगो के समक्ष भारत प्रश्न मंच भाग-७ का परिणाम लेकर हाजिर हूँ.

 पहले प्रश्न का उत्तर है-

दिखाये गये स्थान का नाम भारत भवन है.                                                                                         

दुसरे प्रश्न का उत्तर है-


कानपुर की स्थापना राजा हिन्दू सिंह ने की थी                                                                                    


बोनस अंक के सवाल का उत्तर है-
Gandhi Setu Bridge in Patna, India.jpg                                                                                                
महात्मा गांधी सेतु

भारत प्रश्न मंच भाग-७ के विजेता है- श्री दर्शन लाल जी बवेजा
आप को यह प्रमाण पत्र सहर्ष प्रदान किया जाता है 
                                                                                    

सभी प्रश्नों का उत्तर देने वाले अन्य है-







          श्री प्रकाश गोविंद
                                                        
 My Photo
         सुश्री इंदू अरोड़ा







प्रश्नों का उत्तर इन्होने भी दिया-
श्री पं.डी.के.शर्मा"वत्स"                                                                                                                  






मै आभारी हूँ आदरणीय श्री Surendra Singh Bhamboo का वो यहा पर आये.
वैसे हो सकता है कि आज-कल भारत प्रश्न मंच पर प्रश्नों की गुणवत्ता मे कमी हो. मै इस ब्लॉग जगत का एक छोटा पथिक हूँ, आप सभी लोग मुझसे बड़े है, मै तो शुरू से यह कहता आ रहा हूँ कि आप लोग मेरा मार्गदर्शन करते रहे. आप लोग जैसा कहेंगे उसी प्रकार से प्रश्न मंच का संचालन किया जायेगा. वैसे भी मै एक विद्यार्थी हूँ इसलिये मै यहाँ ज्यादा समय नहीं दे पाता. मेरी परिक्षाएँ भी पास आ रही है, फिर भी मेरी कोशिश रहती है कि प्रश्न मंच का आयोजन जारी रहे. फिर यदि आप लोगों को यह मजाक लगता है तो बस आप लोग मुझे आदेश करे मै भारत प्रश्न मंच को बंद कर दूँगा.

सभी विजेताओं को ढेर सारी शुभकामनाएँ
जय श्री कृष्ण

रविवार, 8 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच हिंट


प्रश्न १ के लिये इस चित्र को देख लिजिए

भारत प्रश्न मंच भाग-७

आप सभी लोगो को मेरा नमस्कार स्वीकृत हो. मै आशीष मिश्रा रविवार की इस सुबह भारत प्रश्न मंच पर आप लोगों के समक्ष प्रश्नो की बौछार लेकर हाजिर हूँ.

आज का पहला प्रश्न-
नीचे दिखाये गये स्थान का क्या नाम है-



आज का दूसरा प्रश्न-

कानपुर का संस्थापक कौन था?

सोमवार, 2 अगस्त 2010

भारत प्रश्न मंच भाग-६ परिणाम



आप सभी को मेरा नमस्कार मै आशीष मिश्रा आप लोगो के समक्ष भारत प्रश्न मंच भाग-६ का परिणाम लेकर हाजिर हूँ.




प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार है-
चित्र में दिखाया गया स्थान इन्दौर स्थित राजवाड़ा है. जो होल्कर राजाओं के द्वारा बनवायी गयी थी. इसके चारो तरफ बहोत बड़ा बाजार फैला है.


श्री प्रकाश गोविंद जी ने इसके संबंध में कहा-
 Indore for long had been the seat of the Holkar dynasty. The monuments and museums of the town reflect the rich sense of art and tradition of the rulers of the Holkar dynasty. A famous piece of architecture in the town of Indore is the Rajwada Palace.

The Juna Rajawada or Old Palace, built by Maharaja Malhar Rao Holkar II, is a splendid range of buildings with a lofty, seven-storey gateway with canted bays on either side of a central archway. The palace is situated in the older part of the city near the Khajuri Bazaar. To the right, the Gopal temple has a large central hall with granite pillars supporting an elaborately decorated roof. It faces the main square. Within the palace is a temple of Malhari Martand which was the family deity of the Holkars. Opposite, across the square, is the Anna Chatra or alms-house for the poor. To the north is the New Palace and garden, built in a classical manner with a French style pavilion roof by Gopal Rao who was a local engineer. Within the palace there are several old heirlooms, furniture, four poster beds, and chandeliers which add to the glory of the palace. The palace can be called a perfect synchronization of the French, Mughal and Maratha styles of architecture.


भागवद गीता का अंग्रेजी मे सबसे पहले अनुवाद चार्ल्स विल्कीन्स ने किया था.


दिखाया गया रेलवे स्टेशन वडोदरा का है.




भारत प्रश्न मंच भाग -६ के विजेता है- श्री प्रकाश गोविंद
                                       
आपको यह प्रमाण-पत्र सहर्ष प्रदान किया जाता है
                           
                                                                                    





सभी प्रश्नों का उत्तर देने वाले अन्य है-

[1.1.1.jpg]
श्री दर्शन लाल बवेजा

My Photo
सुश्री इंदु अरोड़ा
                                                                                                                                                                     



प्रश्नो का उत्तर इन्होने भी दिया
श्री पं.डी.के.शर्मा"वत्स"                                                                                                                       





प्रश्न मंच का उत्साह वर्धन करने के लिये मै श्री योगेन्द्र पाल का भी आभार व्यक्त करता हूँ
सभी विजेताओं को ढेर सारी शुभकामनाएँ

रविवार को पुनः आप लोगो के समक्ष हाजिर रहूँगा. तब तक के लिये इजाजत दे नमस्कार.            

रविवार, 1 अगस्त 2010

एक आश- तुम्हारी दोस्ती का

                                       HAPPY FRIENDSHIP DAY
आप सभी लोगों को मेरा नमस्कार आज एक ऐसा दिवस है जो जिसका इंतजार सभी दोस्तों को रहता जिसे आंग्ल भाषा मे कहा जाता है- freindship day. लेकिन आज के समय मे दोस्ती शब्द कई लोगों के लिये या तो टाइमपास है या फिर अपना स्वार्थ पुरा करने के लिये दूसरो का उपयोग करना. आज के दोस्त कहने को तो कह देते है "यार हम तो तेरे लिये जान भी दे सकते है" लेकिन जब उससे एक छोटी सी मदद मांगो तो कहता है "अरे यार! कसम से मै तेरा काम कर देता पर मै आज बहोत बिजी हूँ." आज जरुरत इस बात की है कि हम दोस्ती के पवित्र रिश्ते को समझे, दोस्ती में सिर्फ कस्में नही खाये जाते बल्की जीवन के हर मोड़ पर दोस्त के सुख-दुख मे साथ निभाना पड़ता है. 

       वैसे हो सकता है मै दोस्ती को अच्छी तरह से परिभाषित ना कर सकूँ. एक लेकिन दोस्ती को परिभाषित करते हुए मै इतना ही कहना चाहुँगा कि 
"दोस्ती विश्वास और स्नेह से बना एक ऐसा प्यारा बंधन है जो कभी नही टूटती है".
Happy Friendship Day



अब मै अपनी कुछ पंक्तियों को यहाँ आकार देना चाहूँगा-
      ’एक आश’ - a hope never end    

जीवन के सफर में चल रहे थे
अन्जानों के बीच से गुजर रहे थे

दूर तलक ना दिखता कोई अपना
ये तो बन गया जैसे कोई सपना

राह की बहार लगती थी पराई
साथ मे थी तो सिर्फ मेरी तन्हाई
पत्थर से दिल तोड़ने वालो की ना थी कमी
किसी को कहाँ दिखती मेरी आँखों की नमी

हम तो बस चलते ही जा रहे थे
राहों मे पड़े कांटे स्वागत कर रहे थे

आँखों मे गहरा समंदर था
पवों मे बस छाले ही छाले
धुप भरी जिंदगी थी हमारी
छांव ने भी किये थे किनारे

पर आखिर क्या करे हम
हमें तो आखिर चलना ही था



अचानक राह में एक मोड़ अनोखा आया
हमे दिखे चार प्यारे अजनबी अंजाने

चारो को देखकर राहत की साँस  पायी
जन्मों पुरानी दोस्ती शायद यहीं पायी

मिले थे चारो तो अजनबी की तरह
पर ना जाने कब हो गये दिल के अपने

पाँच दोस्तों का मिलन हुआ इस राह पर
चल पड़े राह में साथ दोस्ती निभानें

जरा वक्त की नजाकत तो देख
रुठी हुई किस्मत मेरे सामने आयी

जिस राह पर चल रहे थे हम
उस पर हरियाली ही हरियाली छायी

राह में खिल गये थे फूल सुहाने
बेवक्त बसंत आ गयी हमारे सामने


पाँचो दोस्तो की दोस्ती देख वक्त भी लगा मुस्कुराने
जिंदगी के गम आपस मे लगे थे बाटने


दर्द जिंदगी के लगे थे हम भुलाने
एक दुसरे की खुशी ही थी अपनी
वक्त भी लगा था मरहम लगाने 

अब इस राह पर चलना लग रहा था सपना
जन्मों जन्म के बाद जैसे मिला हमे कोई अपना


करने लगे थे वादे,खाने लगे थे कसमे
खुद की जां से भी ज्यादा प्यारे हो गये ये अपने

दोस्तों ने ही पहचान करायी दोस्ती से
हमें मिलवाया जिंदगी की खुशियों से


दोस्ती की ताकत ने असर अपना दिखाया
जिन शब्दो को हम केवल सोचते थे
उसे स्याही की धार से बहाया
कोरे कागज को हमने शब्दों से सजाया

पर समय का पहिया फिर से घुमा
आये ऐसे स्थान पर जहाँ पाँच राह थे

वक्त आ गया था सबसे जुदा होकर जाने का
इस रिश्ते को सहेजकर नया रिश्ता निभाना था


पाँचों की अलग-अलग मंजिले इंतजार कर रही थी
हर आँखे आगे ना जाने का इजहार कर रही थी

पर वक्त के आगे तो झुकना पड़ता है
मजबुरन इक राह को चुनना पड़ता है

पॉव तो आगे बढ़ ही ना राहे थे
पर बेरहम वक्त उसे धकेल रहे थे

उकेर रहे थे दोस्ती के लम्हों को दिल मे
एक आश बना रहे थे अपने दिल मे
मेरा दिल कह रहा था बार-बार
ऐसे दोस्त नहीं मिलते आशीष हर बार

रोक ले इन्हे ना हो जाये कहीं देरी
मौका ऐसा ना फिर आयेगा कभी

आँसुओं की धाराऒं को रोक रखा था मैने
दिल जो कह रहा था नही कह सकता था जमाने के सामने

मैने अपने नादान दिल को समझाया
उसे दोस्तों का खुशनुमा भविष्य बताया

त्याग भी दोस्ती की ही एक पहचान है
दोस्तों की खुशी मे ही हमारी जान है





पाँचो राह आगे बढे जा रहे थे
मेरी आँखों से ओझल होते जा रहे थे

अब तो मेरी ही राह थी मेरे सामने
मेरे कदमों के पीछे आंसुओं की धार है

चला था अकेला इस राह पर
अब यादों की ढेर मेरे साथ है

इस आशीष के मन मे फिर भी
उन दोस्तों को पाने की एक आश है

    

दोस्तों मै नही जानता कि मैने जो रचना लिखी है वो किस विधा के अंतर्गत आयेगी, पर मैने जो लिखा है वो  मन से अपने दोस्तों के लिये   लिखा है. आश यही है कि आपको यह पसंद आयी होगी. किसी भी प्रकार की गलती के लिये क्षमाप्रार्थी हूँ . वैसे भी ये इस प्रकार की मेरी पहली रचना है


आशीष मिश्रा
9893200206 


धन्यवाद

                                
                                                                                   
                 

भारत प्रश्न मंच भाग-६











                                       
                                                                  
                        
                      WISH YOU A HAPPY FRIENDSHIP DAY                            
                                       
आदरणीय स्वजनों को मेरा नमस्कार मै आशीष मिश्रा आप सभी लोगो के समक्ष भारत प्रश्न मंच पर प्रश्नो की बौछार लेकर हाजिर हूँ. आज अगस्त माह का पहला रविवार है अर्थात दोस्तो के लिये प्यारा दिन है.

   आप सभी को friendship day  की हार्दिक शुभकामनाएँ                           

आज का पहला प्रश्न है-
नीचे दिखाई गयी इमारत का नाम क्या नाम है और यह कहाँ स्थित है.
                                                                             

 आज का दूसरा प्रश्न है-
किस अंग्रेज ने सर्वप्रथम भागवद गीता का अंग्रेजी मे अनुवाद किया था.             

आज का बोनस अंक के लिये सवाल है-
 नीचे दिखाये गये रेलवे स्टेशन का क्या नाम है- 
                                                                                   
                                










आप सभी लोगों को एक बार पुनः दोस्ती दिवस की शुभकामनाएँ

वैसे अब से 05 मिनट बाद मै दोस्ती दिवस के लिये नया पोस्ट प्रकाशित करने जा रहा हूँ. आज मै उन शब्दो को इस ब्लॉग पर उकेरुंगा जिसे मैने अपने दोस्तों के लिये लिखा है. पहले तो संकोच हो रहा था कि मेरी रचनाएँ लोगों को पसंद ना आये, परंतु जब आदरणीय गुरुदेव श्री प्रकाश गोविंद जी ने मुझे कहा कि मिश्राजी आप बेझिझक होकर अपनी रचनाओं को प्रकाशित करो, तो आज उनकी बात मानकर अपने उन शब्दो को यहाँ बिखेरना चाहुंगा. 

आप लोग इसे अवश्य पढ़ियेगा
धन्यवाद