भारत प्रश्न मंच भाग-२३ परिणाम शहंशाहों को भी ना मिली वतन की जमीन आख़िरी सांस के वक्त |
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मुग़ल सल्तनत के अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफर नें रंगून में अपने अंतिम दिनों में अपनी बदनसीबी का जिक्र करते हुए एक शेर लिखा था - " कितना बदनसीब है जफर ,दफन के लिए दो गज जमीन भी ना मिली कू-ऐ-यार में ". अंग्रेजों ने १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने के बाद जफर को रंगून (अब यंगून ) में बाकी उम्र घुट-घुटकर मरने के लिए नजरबंद कर दिया था. इस बात को सभी लोग जानते हैं पर इस बात को को बहोत कम लोग जानते हैं कि बर्मा के अंतिम शासक थिबा मिन को अंग्रेजों ने ठीक इसी तर्ज पर घुट-घुटकर मरने के लिए महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक महल में बंद करके रखा था, और ये महल है थिबा पैलेस.
पैलेस में ऊपर के एक बड़े कक्ष में एक खिड़की है। कहते हैं, इसी खिड़की से थीबा की नजरें समुद्र में तैरती नौकाओं को निहारा करती थीं। चारों तरफ सुनसान, समुद्र की घहराती लहरें और उदास पैलेस में बंद एक राजा। कुछ बरस बाद थीबा की यहीं मौत हुई। यहां आने वाली रोड का नाम भी थीबा पैलेस रोड है। लंबा वक्त गुजर गया लेकिन पैलेस का इलाका आज भी सुनसान है।शताब्दी पहले डरावने सुनसान में थीबा ने कैसे यहां अपने आखिरी दिन बिताए होंगे।वैसे ही जैसे जफर ने यंगून के निकट एक सुनसान इलाके में बिताए थे, अपने देश में मरने की दो गज जमीन पाने की आखिरी आस लिए हुए.
बर्मा के अंतिम शासक थिबा मीन को अंग्रेजों ने इस महल में तकरीबन सात साल तक इसी महल में उनकी महारानी के साथ कैद करके रखा था . १८८५ में थिबा को कुछ दिनों तक नजरबन्द कर इस पैलेस में भेज दिया गया था और यहीं पर १६ दिसंबर १९१६ को थिबा ने अंतिम साँसे ली थी . इस महल में थिबा के साथ उसके बच्चे भी थे, थिबा के मरने के बाद उसका परिवार बिखरता गया .
विशेष सूचना भारत प्रश्न मंच के २५ भाग पूरे हो जाने पर ,इस पहेली प्रतियोगिता का पहला राउंड समाप्त हो जाएगा. और जल्द ही इसके दूसरे राउंड को शुरू किया जाएगा . पहले राउंड के समाप्त होने के पश्चात हम तीन जीनीयस विजेताओं की सूची और मेरिट लिस्ट जारी करेंगे , जीनियस विजेताओं का चयन अब तक हुई पहेलियों(१ से २५) में प्राप्त नंबर के आधार पर किया जाएगा. एक बात याद दिलाना चाहता हूँ कि पहेली के नियमानुसार प्रथम स्थान प्राप्त विजेता के खाते में २० अंक हर बार जोड़े जा रहे है दूसरे राउंड में भारत प्रश्न मंच के कुछ नियमों में परिवर्तन किया जाएगा , यदि आपके के पास कोई सुझाव हो तो आप हमें अवश्य बताएं. धन्यवाद |
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चलो कम से कम अंदर १० में तो हम भी आ गए.....................सभी विजेताओं को बधाई.....
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बधाई.....
जवाब देंहटाएंमिश्र जी ये बीन साहब को दाईं तरफ लगा लो ब्लॉग ओपरेट करने में दिक्कत होती है
रेलवे ट्रैक का माडल
क्यूँ नहीं जलता है बल्ब का फिलामेंट
समस्त विजेताओं को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंमेरा नाम सबसे लास्ट में....चलो कम से कम है तो...
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बधाई.....
जवाब देंहटाएं________________
'पाखी की दुनिया; में पाखी-पाखी...बटरफ्लाई !!
गजेन्द्र जी सहित सभी विजेताओं को बधाई।
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दिल्ली के दिलवाले ब्लॉगर।
सभी विजयी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई !
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यह पहेली पसंद आई
आपका हिंट भी सही था
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पहेली जारी रखिये
अवरोध हर अच्छी चीज में आते हैं
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'आलोचना भी उसी की होती है जो कुछ करता है. उसकी आलोचना आप क्या करेंगे जिसने कुछ काम किया ही नहीं'
नुक्ताचीनी करना, मीनमेख निकालना, बुराई करना, मुफ्त की सलाह देना, शिकायत करना .... यह सबसे आसान काम है, जिसमें हम भारतीय सदा से श्रेष्ठ रहे हैं.
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आप व्यर्थ की बहस में न पढ़िए.
मुझे आपका इस तरह अपनी ऊर्जा व्यर्थ करना जम नहीं रहा.
शान्ति से अपने मंजिल की तरफ बढिए बस.
स्नेह के साथ
@ आदरणीय प्रकाश सर
जवाब देंहटाएंबहोत बहोत धन्यवाद ....
आपकी को बातों को आगे से ध्यान रखूंगा
vijetao ko badhai.
जवाब देंहटाएंसभी विजयी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंबधाई सभी को .
जवाब देंहटाएंअच्छा टेम्पलेट.
मिस्टर बीन साहब को झांकते देख कर तो सुबह सुबह मुस्कुरा उठे.
आपका यह टेम्पलेट भी मुझे पसंद आया। बधाई।
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प्रेत साधने वाले।
रेसट्रेक मेमोरी रखना चाहेंगे क्या?