तुम क्यों चली आती हो "नहीं बेटा ! मेरे पास अब पैसे नहीं हैं, चल तु हाथ धो ले , देख मैने तेरे लिये पुड़ी और खीर बनायी है......" "नहीं पहले मुझे एक रुपये दो वरना मैं कुछ नहीं खाउंगा, तुमने पिछली साल भी मुझे एक्को रुपये नहीं दी थी......." सिसकीयों की आवाजे इस झोपड़े मे फैल रही थी. "बेटा प्रकाश तु तो इस घर की हालत देख ही रहा है हमारे पास कुछ भी नहीं है, बड़े ही मुश्किल से ५० रुपये मिलें हैं उसी से इस त्योहार के लिये तैयारी की है.............अब तु ही बता कहाँ से दूँ तुझे एक रुपये.......देख तु जब बड़ा होकर कमाने लगना तब ढेर सारे पटाखे फोड़ना , चल हाथ धोकर खाना खा ले फिर मै तुझे मिठाई भी खिलाऊँगी " "मै नहीं खाऊँगा...... तुम्ही खाओ" यह कह कर वह वही पास में रखे टुटे खाट पर सो गया, जब मासुम मन रोता है तब भी उसमें एक नयी आश रहती है. वह मन में सोचता है कि जब बड़ा हो जाऊँगा तो ढेर सारे पटाखे फोड़ुंगा और उस राजु को एक भी नहीं दुंगा. मैं भी नये-नये कपड़े पहनुंगा तब देखना.... और इधर आंसुओं की इन धाराओं के बीच प्रकाश के इस त्योहार पर भी मन का प्रकाश बुझा हुआ था. तुम हर बार आती हों, कुछ खुशियाँ देने के बदले, रुलाकर चली जाती हो, तु ही तो सब कुछ है, तेरा स्वागत कैसे करूँ, आखिर तुम क्यों चली आती हो......... इस छोटे से घर के बाहर हर तरफ उजाले ही उजाले थे, ये बड़े भवन वाले किसी के स्वागत में कोई कमी नहीं रखना चाहते थे. और इस टुते फुटे घर में भला आये ही कौन................. |
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बुधवार, 3 नवंबर 2010
तुम क्यों चली आती हो
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जवाब देंहटाएंआंसू आ गए इसे पढ़कर। ऐसे बहुत से मासूम हैं जो तरस रहे हैं छोटी सी ख़ुशी को। हमें ऐसे अवसरों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए की इन मासूमों को भी मदद कर सकें। हमारी छोटी सी मदद उन्हें बहुत बड़ी खुशियाँ दे सकती हैं।
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झकझोर करने वाली रचना. दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंझकझोरने वाली कहानी है .... सोचनें को मजबूर करती है ... कैसी दिवाली .... जो आज भी ऐसे वंचित लोग हैं .....
जवाब देंहटाएंमर्म स्पर्शी कहानी .
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bahut hi kasak hai kahani main.
जवाब देंहटाएंसोचनें को मजबूर करती है ...
जवाब देंहटाएंविचारणीय कथ्य.......सुंदर लिखा आशीष .... आपको भी दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंवाह आशीष भैया आपका तो पूरा ब्लॉग ही जगमगा रहा है....आपको दिवाली की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी कहानी...मर्म को छू गई।
जवाब देंहटाएंआपको एवं आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं।
सच है दिपावली की हार्दिक शुभकामना !
जवाब देंहटाएंपूरी मिठाई फिर कभी बन सकती थी। दीपावली बच्चों के लिए ही है और उनकी खुशी का ध्यान पहले रखा जाना चाहिए।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी लघुकथा..
जवाब देंहटाएंबहुत से ऐसे गरीब परिवार हैं जो इन छोटी छोटी खुशियों से मरहूम रह जाते हैं...
आपको और आपके परिवार को दिवाली की शुभकामनाएं..
मेरे ब्लॉग पर इस बार संगीता जी की रचना..
सुनहरी यादें :-३ ...
Bahut hi dard bhari byatha hai ashish ji,
जवाब देंहटाएंsach me aaj bhi ashankhya ghar aise hi diwali manae hain.
aapko s-pariwar diwali ki hardik subhkamna.
आशीष बाबू,
जवाब देंहटाएंयह रचना दर्द की दास्तान है...बहुत झकझोरती है यह! बधाई!
...लेकिन एक बात कहना चाहूँगा...भाई, पूरी विनम्रता के साथ कि वर्तनी के दोष किसी भी सुन्दर-से-सुन्दर रचना का मज़ा किरकिरा कर देते हैं। यह बात इस रचना पर भी लागू है।
बसऽऽऽ... थोड़ाऽऽऽ-सा ध्यान भाषा की शुद्धता पर भी केन्द्रित कर दीजिए सब ठीक हो जाएगा...है न! आपके अंदर एक अच्छा रचनाकार छिपा है।
बढ़िया प्रयास ...एक अच्छी संवेदनशील रचना के लिए शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत ही मर्मस्पर्षी रचना, आपको परिवार एवं इष्ट स्नेहीजनों सहित दीपावली की घणी रामराम.
जवाब देंहटाएंरामर
Bahot khoob mitra....dil ko chhoo gayi aapki laghu katha!!
जवाब देंहटाएंये भी सच है कि त्यौहार की सारी उमंग तो सुविधा संपन्न होने पर ही उठती है ...
जवाब देंहटाएंदीपावली मुबारक हो
दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंबेहद भावप्रवण और मार्मिक लेखन है आपका। पढ़कर सोचने को मजबूर करता है। लगातार लिखते रहिये।
जवाब देंहटाएंअन्तर्मन को उद्वेलित करती आपकी ये लघुकथा बेहद अच्छी लगी...
जवाब देंहटाएंजीवन में प्रकाश हो,व्यवहार एवं कर्म की पवित्रता हो,ह्रदय में मधुरता का वास हो, इस मंगलकामना के साथ आपको सपरिवार दीपोत्सव की अनन्त शुभकामनाऎँ!!!
प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना। बधाई।आपको व आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंहृदयस्पर्शी रचना!
जवाब देंहटाएंचिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
सादर,
मनोज कुमार
बहुत ही मार्मिक गाथा है ...
जवाब देंहटाएंखैर, अच्छी बात तो ये है की ख़ुशी केवल पैसे से नहीं खरीदी जा सकती है ...
मैं जहाँ का रहने वाला हूँ वहां गरीब आदिवासिओं की बहुतायत है ... भले ही वो गरीब हों, पर मैंने उन्हें उत्सव के मौके पर ख़ुशी से झूमते देखा है ... वो यह नहीं सोचते हैं की वो गरीब हैं, वो तो बस जीवन का आनंद लेते हैं ...
दिवाली आनंद का, ख़ुशी का उत्सव है ...
आपको और आपके परिवार को एक सुन्दर, शांतिमय और सुरक्षित दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें !
... shubh diwaali !
जवाब देंहटाएंwish u a happy diwali and happy new year
जवाब देंहटाएं.........दिपोत्सव की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंईश्वर से कामना है कि यह दीपोत्सव आपके जीवन में सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे।
आपको दीपावली की हार्दिक बधाई ......
जवाब देंहटाएंअनेक बच्चे अभिशप्त जीवन जीने को विवश हैं। अगर उनके प्रति हम थोड़ी सहानुभूति की दीया जला सकें,तभी माना जाना चाहिए कि हमारे अपने भीतर ज्ञान की लौ जल रही है।
जवाब देंहटाएंशुभ दीपावली....
जवाब देंहटाएंदीवाली पर्व है खुशियों का, उजालों का, लक्ष्मी का…. इस दीवाली आपकी जिंदगी खुशियों से भरी हो, दुनिया उजालों से रोशन हो, घर पर महा लक्ष्मी का आगमन हो… दीपक का प्रकाश हर पल आपके जीवन मे एक नयी रोशनी दे, बस यही शुभकामना है हमारी आपके लिए दीवाली के इस पावन अवसर पार ...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएँ
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