हर चिट्ठा कुछ कहता है दर्द को खुद में समेटे हुए वक्त के दिये जख्मों को उकेरता है बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है बीते लम्हों को संजोकर सुनहरे पलों की याद लिये अपनी कहानी कहता है बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है कभी शून्य आवाज में कभी चीर आवाज में मन को झकझोर देता है बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है कभी मासूम आवाज में तुतलाती आवाज में एक बचपन कुछ कहता है कभी गंभीर आवाज में बनकर एक नव चिराग जिंदगी का सच बताता है बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है एक पहेली बनकर पहेली बनी जिंदगी को खुदब खुद सुलझाता है सुझबूझ की बाते बताकर बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है उम्र की दहलीज पे बनकर बचपन की आवाज खुद को एक मासुम बनकर देखता है इस जिंदगी के मेले में बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है अंधेरी राह पर ठोकरों को भी सहता है पर दुसरों के लिये नवदीप बनकर वह पथ पर चलता है बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है तोड़ कर बाधाएँ सीमाओं की सागर की गहराई को भी नापता है जोड़कर परायों को आपस में यह अपना नया परिवार बनाता है बनकर शब्दों की माला हर चिट्ठा कुछ कहता है............ |
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बुधवार, 10 नवंबर 2010
हर चिट्ठा कुछ कहता है
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बहुत ख़ूब...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंभई वाह! आशीष जी....क्या खूब अन्दाज अपनाया आपने....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब! सच में हर चिट्ठा कुछ कहता है....
आभार्!
सुन्दर रचना. वर्तनी की कुछ त्रुटियाँ दिख रही हैं.
जवाब देंहटाएंबिते = बीते
शुन्य = शून्य
मासुम = मासूम
सुझ भुज = सूझ भूज
हर चिट्ठा कुछ कहता है....
जवाब देंहटाएंWonderful presentation !
जवाब देंहटाएंहमने भी गलती कर दी. सूझ भूज न होकर सूझ बूझ होना चाहिए
जवाब देंहटाएंआशीष भाई, आपका यह अंदाज सचमुच दिल को छू गया। बधाई लीजिए हुजूर।
जवाब देंहटाएं---------
मिलिए तंत्र मंत्र वाले गुरूजी से।
भेदभाव करते हैं वे ही जिनकी पूजा कम है।
बहुत सुन्दर ...सच है हर चिट्ठा कुछ कहता है ...
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है।...बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंबहुत सही ...हर चिट्ठे में भाव तो होते हैं ...
जवाब देंहटाएंआशीष भाई, आपका यह अंदाज सचमुच दिल को छू गया। बधाई लीजिए जी
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअगली बार लिंक भी जोड़ना
जवाब देंहटाएंआपकी हथेली में छेद
पक्षी बिजली की तारों पर बिना विधुत झटका लगे कैसे बैठ जाते है?