आप सभी लोगो को मेरा नमस्कार. मै आशीष मिश्रा आप लोगों के समक्ष भारत प्रश्न मंच भाग-२ का परिणाम लेकर हाजिर हूँ. |
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प्रथम प्रश्न का उत्तर है- दिखाए गये पर्वत पर माँ शारदा माता (मैहर वाली देवी) का मंदिर है, जो मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर मे है. इस के बारे मे श्री प्रकाश जी ने एक सुन्दर कमेंट भेजा था. जिसे मै आप लोगो की जानकारी के लिये यहाँ दे रहा हूँ- मैहर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले के अनतरगत एक धार्मिक स्थल है. यह मां शारदा मन्दिर के लिए जाना जाता है. यह मन्दीर एक त्रिकुत पर्वत पर स्तिथ है मैहर शब्द कि उत्पत्ति माए हार से हुए जिसका अर्थ है मा का हार । उत्पत्ति पुरनिक कथा के अनुशर राजा दक्ष प्रजापति जो अन्य प्रजापतियों के समान ब्रह्मा जी ने अपने मानस पुत्र थे । दक्ष प्रजापति की सोलह कन्याये थी जिनमें से स्वाहा नामक एक कन्या का अग्नि का साथ, सुधा नामक एक कन्या का पितृगण के साथ, सती नामक एक कन्या का भगवान शंकर के साथ, और शेष तेरह कन्याओं का धर्म के साथ विवाह हुआ। धर्म की पत्नियों के नाम थे - श्रद्धा, मैत्री, दया, शान्ति, तुष्टि, पुष्टि, क्रिया, उन्नति, बुद्धि, मेधा, तितिक्षा, द्वी और मूर्ति। ुराणों के अनुसार सती के शव के विभिन्न अंगों से बावन शक्तिपीठो का निर्माण हुआ था। उन्हि मे से एक शक्ति पीथ मैहर भी है जन्ह पर मा शक्ति का हार गिर था । इसके पीछे यह अन्तर्पथा है कि दक्ष प्रजापति ने कनखल (हरिद्वार) में `बृहस्पति सर्व' नामक यज्ञ रचाया। उस यज्ञ में ब्रह्मा, विष्णु, इंद्र और अन्य देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया, लेकिन जान-बूझकर अपने जमाता भगवान शंकर को नहीं बुलाया। शंकरजी की पत्नी और दक्ष की पुत्री सती पिता द्वारा न बुलाए जाने पर और शंकरजी के रोकने पर भी यज्ञ में भाग लेने गयीं। यज्ञ-स्थल पर सती ने अपने पिता दक्ष से शंकर जी को आमंत्रित न करने का कारण पूछा और पिता से उग्र विरोध प्रकट किया। इस पर दक्ष प्रजापति ने भगवान शंकर को अपशब्द कहे। इस अपमान से पीड़ित हो, सती ने यज्ञ-अग्नि पुंड में कूदकर अपनी प्राणाहुति दे दी। भगवान शंकर को जब इस दुर्घटना का पता चला तो क्रोध से उनका तीसरा नेत्र खुल गया। भगवान शंकर के आदेश पर उनके गणों के उग्र कोप से भयभीत सारे देवता और त्र+षिगण यज्ञस्थल से भाग गये। वीरभद्र ( जो भगवान शंकर के गण है ) ने दक्ष प्रजापति का सिर भी काट डाला। बाद में ब्रह्मा जी की प्रार्थना करने पर भगवान शंकर ने दक्ष प्रजापति को उसके सिर के बदले में बकरे का सिर प्रदान कर उसके यज्ञ को सम्पन्न करवाया। भगवान शंकर ने यज्ञपुंड से सती के पार्थिव शरीर को निकाल कर कंधे पर उठा लिया और दुःखी हो इधर-उधर घूमने लगे। तदनन्तर जहाँ-जहाँ सती के शव के विभिन्न अंग और आभूषण गिरे, वहाँ बावन शक्ति पीठो का निर्माण हुआ। (अगले जन्म में सती ने हिमवान राजा के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया और घोर तपस्या कर शिवजी को पुन पति रूप में प्राप्त किया।) "अंग या आभूषण" अर्थात, सती के शरीर का कोई अंग या आभूषण, जो श्रीविष्णु के द्वारा सुदर्शन चक्र से काटे जाने पर पृथ्वी के विभिन्न भागों में गिरा, व अज वह भाग पूज्य है, और शक्तिपीठ कहलाता है। |
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दुसरे प्रश्न का उत्तर है- जिस फिल्म के सन्दर्भ मे प्रश्न पुछा गया था उस फिल्म का नाम ज्वार भाटा है. जो दिलीप कुमार की पहली फिल्म थी. |
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और तीसरे प्रश्न का उत्तर है- दिखाया गया रेल्वे स्टेशन मैसुर का है. |
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अब बारी है विजेता के घोषणा की, भारत प्रश्न मंच भाग-२ के विजेता है- श्री प्रकाश गोविंद जी (70+50+20=140) |
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सभी प्रश्नों का उत्तर देने वाले अन्य है- सुश्री अल्पना वर्माजी (50+50=100) श्री Darshan Lal Baweja (35+50=85) सुश्री Indu Arora (35+50=85) |
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इस प्रतियोगिता में शामिल होने एवं मंच का उत्सह वर्धन करने के लिये मै इन्हे भी धन्यवाद देता हूँ- श्री माधव श्री रजनीश श्री सत्य गौतम श्री Surendra Singh Bhamboo श्री सुज्ञ |
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आयोजक की कलम से उत्तर प्रकाशित करने मे देरी हुई इसके लिये मै आप लोगो से क्षमा चाहता हूँ. लेकिन मै भी क्या करूँ इंद्र देव आज मालवा पर मेहरबान हुए और हमारे मोबाईल का नेट्वर्क गायब कर दिया. वैसे बहोत खुशी हुई आज इन्द्र देव भी मेहरबान और उत्तरो की संख्या मे भी इजाफा. सभी विजेताओं को ढेर सारी बधाईयाँ स्वीकृत हों. एक विशेष अनुरोध भी करना चाहता हूँ कृपया अगली बार से सभी प्रश्नो का उत्तर अलग-अलग टिप्पणीयों मे दे. सभी प्रश्नो का एक साथ दिया गया उत्तर मान्य नही होगा. मुझे विश्वास है कि आप इसमे सहयोग करेंगे.जय श्री कृ ष्ण |
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